श्रीमती कविता हरबोला
अध्यक्षा तटरक्षिका (उत्तर-पूर्व)
तटरक्षिका
  

 
सचमुच अध्यणक्षा तटरक्षि का क्षेत्र (उत्तसर-पूर्व) के महान दायित्व का कार्यभार संभालते हुए मैं अपने आपको अत्यंदत ही गौरवान्वित महसूस कर रही हूं । चूंकि देश अत्यं,त ही चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, इसलिए यह आवश्य क हो जाता है कि हम परिवार के अन्यू सदस्यिके साथ स्वगयं सचेत रहें, सुरक्षि।त रहें ।  
 
पिछले कुछ वर्षों में तटरक्षि का ने शक्ति और आकार दोनों में वृद्धि की है, तथा यह जीवंत और उत्तुरदायी संगठन के रूप में उभर कर सामने आई है । यह संगठन परोपकारी, मानवीय तथा समाज से जुड़ी अनेकों गतिविधियों का संचालन न केवल तटरक्षक बिरादरी बल्कि समूचे समाज के हित के लिए करती है । तटरक्षिका को सुदृढ़ बनाने में अपने पूर्वजों की दूरदर्शिता और उनके द्वारा किये गये कठिन परिश्रम को मैं हृदय से स्वी कार करती हूं । बदलते समय के साथ यह वृद्धि और अधिक क्षमता तथा स्बाहवलंबन के साथकदम से कदम मिलाते हुए जारी रहनी चाहिए । मैं प्रत्ये क तटरक्षिकासे इस संगठन को चलाये रखने की महत्वतपूर्ण जिम्मेरदारी को निभाने के संकल्पक पर कायम रखने के लिए आग्रह करती हूं । घर गृहस्थी‍ की देखभाल करते हुए संगठन के प्रति प्रत्ये क सदस्य का योगदान प्रशंसनीय रहा है और आज भी है । हम उम्मीरद करते है कि इसी जोश के साथ यह आगे भी चलता रहेगा । मैं आने वाले समय में तटरक्षक पत्नीत कल्याोण संघ की बेहतरी तथा सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रदान करती हूं । प्रिय सखियों, सदैव याद रखो, मजबूत महिला स्वलयं में विश्वा स करती है तथा अपने लक्ष्यो को प्राप्ति करती है । कुछ भी हो, कोई भी हो, उसे रोक नहीं सकता, यह उसका समय है, जो उज्व्‍हतल है । 
 
अपना ख्यालल रखे, सुरक्षित रहे । जय हिंद ।

 

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अंतिम नवीनीकृत: 30/04/2024

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