वायुयान
भारतीय तटरक्षक के लिए मैसर्स एच ए एल द्वारा निर्मित डोर्नियर 228, दो इंजनों वाला, टर्वोप्रोपेलर युक्ति अत्यालधुनिक, बहुआयामी, समुद्र में गश्तय करने वाला, वायुयान है । किफायती ईंधन की विलक्षणता के साथ विभिन्न् गति से चलने की क्षमता रखने वाला यह हल्काु वायुयान है । उच्च विंग वाला यह वायुयान भारतीय तटरक्षक में दो श्रेणियों 228-100 एवं 228-200 में तैनात है ।
डोर्नियर 228 वायुयान अधोलिखित भूमिकाओं में से किसी भी भूमिका में त्व2रित परिवर्तित होने की क्षमता रखता है ।
(क) समुद्री गश्त एवं निगरानी
(ख) समुद्री पर्यावरण आकस्मिकता
(ग) खोज एवं बचाव
(घ) चिकित्सीबय निकासी
चेतक (एस ई 3160 एलूट 111), उच्च् क्षमता वाला हेलीकॉप्ट र है । यह एलूट II का संसोधित रूप है, जिसे फ्रांस द्वारा डिजाइन एवं निर्मित किया गया है । अब इसे लाइसेंस के अधीन मैसर्स एच ए एल लिमिटेड द्वारा निर्मित किया जा रहा है ।
वायुयान का प्रयोग भारतीय तटरक्षक में अधोलिखित भूमिकाओं में किया जाता है ।
(क) खोज एवं बचाव
(ख) आकस्मिक निकासी
(ग) प्रदूषण प्रतिक्रिया
(घ) वायुकर्मी प्रशिक्षण एवं समेकन
अत्याकधुनिक हेलीकॉप्टैर ‘ध्रुव’ देश में निर्मित दो इंजनों वाला हल्केप वजन में विविध भूमिकाओं में प्रयुक्तय बहुउद्देशीय, चार से पांच टन की श्रेणी वाला वायुयान है । ए एल एच को दो टी एम 333-2बी2 टर्बोमेका इंजन के द्वारा शक्ति प्रदान की जाती है । तथा उड़ान के समय प्रत्ये क इंजन 801 किलोवाट की ऊर्जा उत्प न्नत करता है ।
मिश्रित धातु से निर्मित वायुयान का ढांचा एवं पहियों लगा तल इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि दुर्घटना के समय कम से कम नुकसान हो । हेलीकॉप्टलर में सैन्यादल एवं रोगियों के परिवहन की भूमिका निभाने की क्षमता है । हेलीकॉप्टॉर में 1500 किग्रा तक के बाह्य भार को ढोने की क्षमता है । भारतीय तटरक्षक ध्रुव का प्रयोग अधोलिखित भूमिकाओं में किया जाता है ।
(क) आकस्मिक निकासी
(ख) खोज एवं बचाव
(ग) तटीय सुरक्षा
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