श्रीमती नीलिमा बडोला
अध्यक्षा तटरक्षिका(पूर्व)
तटरक्षिका

 

 
अध्यहक्षा तटरक्षिका क्षेत्र (पूर्व) का पदभार ग्रहण करते हुए, मैं सम्मा नित महसूस कर रही हूं।
शुरुआत में ही, मुझे अपने पूर्वजों की प्रशंसा करना चाहिए जिनकी दूरदर्शिता और सभी तटरक्षिकाओं के अथक प्रयासों के परिणामस्वोरूप तटरक्षिका, सहभागिता, कल्याैणकरने और सीखने का एक मंच बन सका है । तटरक्षिका एक ऐसे संगठन के रूप में उभर कर समाने आया है जिसमें महिलाएं एक-दूसरे का सहयोग करते हुए अपनी योग्यसता को बढ़ाकर आत्महनिर्भर बन सकती हैं ।
मेरे लिए तटरक्षि का जैसे जीवंत और विविध संगठन का हिस्साे होना गौरव की बात है । मैंने इसे पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते हुए, विकसित होते हुए देखा है ।
पिछले कुछ वर्षों से तटरक्षि का की भूमिका और जिम्मे दारी अनरवत परिवर्तित हो रही है । हम सभी नारी सशक्ती करण, कल्या्ण एवं सामुदायिक सहायता, शिक्षा, सामाजिक कल्यालण तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति निडरता से काम कर रहे हैं । हमारे सतत प्रयासों के परिणामस्ववरूप तटरक्षिका सामाजिक एवं पर्यावरण दोनों, मुद्दों पर उत्त्रदायी रही है । आओ मिलकर अच्छें काम करते रहें तथा अपने सकारात्म क योगदान के द्वारा न केवल संगठन बल्कि राष्ट्रप का भी नवनिर्माण करते रहें ।
तटरक्षिका वह विशेष बंधन है, जो सभी तटरक्षिकाओं को एक जुट रखते हुए हमारे समुदाय के लिए महत्व पूर्ण योगदान प्रदान करती है । हमारी महिलाओं की प्रतिबद्धता एवं समर्पण ने पिछले कुछ वर्षों में इस बंधन को मजबूत किया है, मुझे सभी सदस्यों के प्रयासों की प्रशंसा करनी चाहिए, जिन्होंतने तटरक्षिका की गतिविधियों में अपना बहुमूल्यं समय देकर भागीदारी की क्योंएकि हम में से प्रत्येषक अपने-अपने क्षेत्र में सकारात्मदक परिवर्तन ला सकते हैं । विनम्रता के साथ मैं सर्वशक्तिमान से समूची तटरक्षिका बिरादरी की सफलता, प्रसन्निता एवं संपन्नशता के लिए प्रार्थना करती हूं ।

 

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अंतिम नवीनीकृत: 02/12/2024

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