इतिहास

मुंबई (बाम्बे) हाई में तेल की खोज के फलस्वरूप अपतटीय क्षेत्र में बहुमूल्य संयंत्र खड़े किए गये । जिसकी सुरक्षा अनिवार्य हो गई । भारत की महत्वपू्र्ण औद्योगिक क्षेत्रों एवं आर्थिक हितों की सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन के उपायों की आवश्यकता महसूस की गई ।

अतैव सरकार ने सितंबर 1974 में श्री के एफ रुस्तम जी (भूतपूर्व महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल),भारतीय पुलिस सेवा, की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की । समिति का कार्य तस्करी एवं अवैध समुद्री गतिविधियों की रोकथाम में व्याप्त वर्तमान प्रणाली की कमियों को उजागर करने तथा भारत की समुद्री संसाधनों की सुरक्षा हेतु उपायों को सुझाने का था । समिति ने सन् 1975 में को अपनी रिपोर्ट के द्वारा शांति काल के दौरान समुद्री क्षेत्र की देखभाल एवं सुरक्षा के लिए तटरक्षक जैसे संगठन की स्थापना हेतु जोरदार सिफारिश की ।

1977 में संघीय मंत्रिमंडल ने भारतीय नौसेना से स्थानांतरित दो पोतों एवं पांच गश्ती नौकाओं के साथ तटरक्षक के स्थापना की स्वीकृति प्रदान की । इस प्रकार 01 फरवरी 1978 को भारत के जलीय एवं अनन्य आर्थिक क्षेत्र की निगरानी हेतु मात्र सात पोतों के बेड़े के साथ भारतीय तटरक्षक का आविर्भाव हुआ ।

19 अगस्त 1978 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, श्री मोरारजी देसाई ने औपचारिक रूप से भारतीय तटरक्षक का उद्घाटन किया


19 अगस्त 1978 को माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार,
श्री मोरारजी देसाई, उद्घाटन समारोह में पहुँचते हुए ।


माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार श्री मोरारजी देसाई,
भारतीय तटरक्षक (1978) के उद्घाटन के दौरान सम्मान गारद का निरीक्षण करते हुए ।

 

 

 

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अंतिम नवीनीकृत: 02/12/2024

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