प्राकृतिक विपदा

पुट्टिंगल मंदिर, कोल्लम (केरल) में अग्नि दुर्घटना I

 

10 अप्रैल 16 को लगभग 0330 बजे कोल्लम (क्युलान) के पुट्टिंगल मंदिर में भयानक आग लग गई । कोच्ची स्थित जिला मुख्यालय संख्या-4 ने त्वरित प्रतिक्रिया की तथा पूर्व कोच्ची तटरक्षक हेलीकॉप्टर (सीजी 810) को त्रिवेंद्रम से विमुक्त करके एंम्बुलेंस के रूप में परिवर्तित कर चिकित्सा अधिकारी तथा चिकित्सीय सामग्री के साथ राहत कार्य में लगा दिया गया । लगभग 1420 बजे हेलीकॉप्टर त्रिवेंद्रम पहुँचा । भारतीय तटरक्षक स्टेशन विजीहिंजम से एक दल जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, एक चिकित्सा सहायक तथा 07 कार्मिक सम्मिलित थे, को सड़क मार्ग से रवाना किया गया । दल 1430 बजे दुर्घटना स्थल कोल्लम पहुँचा । एक अफसर, 07 कार्मिकों (एक चिकित्सा सहायक सहित) का एक दल भारतीय तटरक्षक की एंबुलेंस के साथ 1330 बजे दुर्घटना स्थल कोच्ची के लिए रवाना किया गया । भारतीय तटरक्षक अंतर्रोधी नौका ( सी-427) को त्वरित सहायता हेतु विजीहिंजम से थांगेसरी बंदरगाह (कोल्लम) पर तैनात किया गया तथा कोल्लम जिला मुख्यालय में राहत की गतिविधियों में समन्वय करने के लिए दो कार्मिकों को नियुक्त कर दिया गया । भारतीय तटरक्षक पोत अभिनव को त्वरित परिनियोजन के लिए कोच्ची में तैयार स्थिति में रखा गया । तटरक्षक जिला मुख्यालय-4 कोच्ची द्वारा 06 रक्तदाताओं को सरकारी चिकित्सालय त्रिवेंद्रम भेजा गया । जिलाधीश के अनुरोध पर भारतीय तटरक्षक के चिकित्सीय दल ने सिविलियनों से रक्त लेने में सरकारी अस्पताल की सहायता की ।

 

महद गांव रैगाड में पुल टूटने पर खोज एवं बचाव सहायता I

 

02/03 अगस्त 16 की रात हुई मूसलाधार बारिश तथा सावित्री नदी पर आई अचानक बाढ़ के कारण महद गाँव, महाराष्ट्र के निकट नदी पर निर्मित पुराना पुल ढह गया । फलस्वरूप 22 यात्रियों से सवार (स्थानीय सूचना के अनुसार) राज्य परिवहन की दो बसें नदी में बह गईं । जिलाधीश, श्रीवर्धन तालुका जिला रैगाड, के अनुरोध पर भारतीय तटरक्षक स्टेशन मुरूद जंजीरा ने तलाशी अभियान में समन्वय किया तथा पूर्व मुंबई के 2 भारतीय तटरक्षक चेतक हेलीकॉप्टर ने तलाशी अभियान के लिए वायु-गोताखोरों के साथ 03 अगस्त 16 को क्रमशः 0830 बजे एवं 1430 बजे उड़ाने भरीं । 03 अगस्त 16 को एक गोताखोर तथा 05 तैराकों के साथ एक छोटी नौका को भारतीय तटरक्षक स्टेशन मुरूद जंजीरा से दुर्घटना स्थल के लिए रवाना किया गया । तलाशी अभियान को तेज करने के लिए पूर्व मुंबई के दो गोताखोरों को नौसेना के गोताखोर दल के साथ रवाना किया गया । 03 अगस्त से 12 अगस्त 16 तक तीन तटरक्षक पोतों, संकल्प, सम्राट एवं समुद्र प्रहरी को परिनियोजित किया गया तथा समुद्र की ओर श्रीवर्धन तटीय क्षेत्र में नदी के मुहाने की सघन तलाशी की गई । बचाव दल द्वारा 11 अगस्त 16 की दोपहर को बस का मलबा ढूँढ़ निकाला गया । एनडीआरएफ एवं स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा 26 शवों को निकाला गया ।

 

भयंकर चक्रवातीय तूफान ‘वरदाह’ के कारण हेवेलॉक द्वीप में हुई बर्बादी में बचाव कार्य I

 

चक्रवाती तूफान ‘वरदाह’ के परिणामस्वरूप हुई भारी बारिश तथा तेज हवाओं के कारण पोर्ट ब्लेयर से हेवेलॉक के बीच चल रही फेरी सेवा 07 दिसंबर 16 को निरस्त कर दी गई जिससे 1400 पर्यटक मुसीबत में फंस गये । सिनकॉन (CINCON) ने सिविल प्राधिकारियों के साथ सहयोग किया तथा मुसीबत में फंसे पर्यटकों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना की चार यूनिटों को परिनियोजित किया । परंतु नौसेना की यूनिटें हेवेलॉक न पहुँच सकी और पोर्ट ब्लेयर से ही वापस आ गईं । तत्पश्चात् 08 दिसंबर 16 को अंडमान एवं निकोबार प्रशासन ने तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय ( अंडमान एवं निकोबार) से सहायता के लिए अनुरोध किया । भारतीय तटरक्षक पोत कनकलता बरूआ एवं भारतीय तटरक्षक पोत राजवीर को बचाव के लिए परिनियोजित किया गया लेकिन विषम समुद्री परिस्थितियों के कारण उन्हें वापस होना पड़ा । 09 दिसंबर 16 को लगभग 0900 बजे एक बार पुनः भारतीय तटरक्षक पोत कनकलता बरूआ एवं भारतीय तटरक्षक पोत राजवीर को बचाव हेतु परिनियोजित किया गया । अभियान के दौरान भारतीय तटरक्षक पोत ने 242 पर्यटकों को बचाया I

 

 

चेन्नई बंदरगाह पर जवाहर डॉक के अंदर पोतों की सहायता I

 

12 दिसंबर 16 को आये भयंकर चक्रवाती तूफान ‘वरद’ के कारण चेन्नई बंदरगाह पर तेज हवाएं चलने लगी, परिणामस्वरूप जवाहर डॉक के अंदर पोतों के लंगर का रस्सा खुल गया । चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट ने सहायता के लिए 2 टग रवाना किया, परंतु लंगर डालने में सहायता करने के लिए अतिरिक्त जनशक्ति प्रदान न कर सका । पोतों के लंगर की रस्सी खुल जाने के कारण न केवल खुद उस पोत को खतरा था बल्कि डॉक में सुरक्षित खड़ी अन्य पोतों की सुरक्षा को भी खतरा मौजूद था । स्थिति को नाजुक देखते हुए भारतीय तटरक्षक पोत वरद तथा बर्थिंग टीम को चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के टग की सहायता के लिए तुरंत रवाना किया गया तथा भारतीय तटरक्षक दल ने जवाहर डॉक चेन्नई की अधोलिखित संकटग्रस्त पोतों को सुरक्षित करते हुए लंगर डालने में सफलता हासिल की । एम वी अकबर डीसीआई ड्रेजर कावेरी डीसीआई ड्रेजर (बीएच 1) डिकमीशन्ड नेवल सबमेरिन ‘बागली’ पालइट पोतों सहित पोर्ट क्राफ्ट ।


एम वी अकबर

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पालइट पोतों सहित पोर्ट क्राफ्ट

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अंतिम नवीनीकृत: 22/11/2024

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