तटीय सुरक्षा
सन् 2008 में हुए आतंकी घटना के पश्चात समुद्री सुरक्षा तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन किये गये हैं । किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए निगरानी, आसूचना तथा विभिन्न एजेंसियों के मध्य सूचनाओं के आदान-प्रदान पर महत्वपूर्ण बल दिया जाने लगा है । फरवरी 2009 में तटीय पुलिस द्वारा की जा रही निगरानी क्षेत्र सहित क्षेत्रीय जल में तटीय सुरक्षा का उत्तरदायित्व भारतीय तटरक्षक को सौंपा गया है । भारतीय तटरक्षक तटीय सुरक्षा के सभी मामलों में केंद्र एवं राज्य के मध्य समग्र रूप से समन्वय का कार्य करती है ।
भारतीय तटरक्षक द्वारा स्थापित तटीय सुरक्षा निगरानी प्रणाली स्थिर सेंसरों की एक श्रृंखला है, जो राडार, स्वचालित पहचान प्रणाली व दिन/रात कैमरा से सुसज्जित है, इसे द्वीपों एवं तटों पर 46 स्थानों पर लगाया गया है । समूची तटीय रेखा पर शून्य अंतराल निगरानी प्राप्त करने के लिए तटीय निगरानी नेटवर्क चरण II में कच्छ एवं खंभात की खाड़ी में VTMS कनेक्टिविटी के साथ 38 अतिरिक्त राडार स्टेशन तथा 08 चल निगरानी प्रणाली लगाई गई हैं ।
तटीय सुरक्षा में सम्मिलित विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय एवं सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए भारतीय तटरक्षक ने मानक परिचालन प्रणाली को लागू करने की घोषणा की है । इन मानक परिचालन प्रणाली को सत्यापित करने के लिए नियमित अभ्यासों का आयोजन किया जाता है । तटीय सुरक्षा प्रणाली को सत्यापित करने तथा समुद्र में मछुवारों को जागरूक करने के लिए नियमित रूप से बोर्डिंग ऑपरेशन किये जाते हैं । परिचय पत्र एवं पंजीकरण दस्तावेज सहित पोतों के अधिभोक्ता प्रत्यय पत्र का सत्यापन भी बोर्डिंग ऑपरेशन के दौरान किया जाता है । भारतीय तटरक्षक, प्राप्त आसूचना के आधार पर अन्य पणधारियों के साथ समन्वय करके तटीय सुरक्षा पर कार्रवाई करती है ।
मछुवारों एवं तटीय आबादी को सुरक्षा के विषय में संवेदनशील बनाने हेतु समय-समय पर भारतीय तटरक्षक द्वारा सामुदायिक अंतर्व्यवहार कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । प्रशिक्षित होकर ये लोग तटीय सुरक्षा के ढांचे में आँख व कान के सदृश काम करते हैं । समुद्री पुलिस के कार्मिकों के क्षमता में वृद्धि करने के लिए सन् 2006 से ही भारतीय तटरक्षक उनके लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण का आयोजन कर रही है । 10 तटरक्षक जिला मुख्यालयों में तटीय प्रदेशों एवं संघीय क्षेत्रों के लिए आयोजित होने वाले प्रशिक्षण में 3 सप्ताह का ओरिएन्टेशन माड्यूल एवं 1 सप्ताह की ओजेटी सम्मिलित है । भारतीय तटरक्षक एवं समुद्री पुलिस हब, एवं स्पोक (Hub and Spoke) अवधारणा पर कार्य करती है । जिसमें भारतीय तटरक्षक स्टेशन हब के रूप में एवं तटीय पुलिस स्टेशन स्पोक के रूप में कार्य करते हैं ।
भारतीय तटरक्षक समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रणाली विकसित करने तथा उस पर क्रियान्वयन हेतु योगदान करती है । भारतीय तटरक्षक की देख-रेख में सुरक्षा ढांचा तमाम प्रकार की गतिविधियों को अंजाम देता है जिनमें तटीय सुरक्षा, अपतटीय सुरक्षा, आतंक विरोधी, जलदस्युता विरोधी एवं बंदरगाहों की सुरक्षा की गतिविधियां सम्मिलित है । देश की समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भारतीय तटरक्षक भारतीय नौसेना के साथ मिलकर कार्य करती है ।
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पृष्ठ अंतिम बार अद्यतन तिथि:22-08-2024 05:32 PM